THE SMART TRICK OF पारद शिवलिंग का अभिषेक THAT NOBODY IS DISCUSSING

The smart Trick of पारद शिवलिंग का अभिषेक That Nobody is Discussing

The smart Trick of पारद शिवलिंग का अभिषेक That Nobody is Discussing

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 मोक्ष प्राप्ति का द्वार खोलता है पारद शिवलिंग।

पारद एक तरल धातु है और जहरीला होता है। इसकी देखभाल थोड़ी जटिल होती है। पारद शिवलिंग को हमेशा बंद स्थान में ही रखना चाहिए। इसे छूते समय सावधानी बरतनी चाहिए और बच्चों की पहुँच से दूर रखना आवश्यक है। यदि आप इन सावधानियों का पालन नहीं कर सकते हैं, तो आप स्फटिक शिवलिंग को चुन सकते हैं, जो देखभाल में आसान होता है।

ईश्वरीय कृपा: पारद शिवलिंग की तरह, स्फटिक शिवलिंग की पूजा भी भगवान शिव की कृपा प्राप्त करने का एक प्रभावी माध्यम है, जिससे जीवन में सफलता प्राप्त होती है।

शिवलिंग की यह व्याख्या शैव सम्प्रदाय की प्रमुख परम्परा - शैव सिद्धांत के अनुसार है। शिवलिंग का ऊपरला हिस्सा परशिव और निचला हिस्सा यानी पीठम् पराशक्ति को दर्शाता है। पराशक्ति एवं परशिव भगवान शिव की दो परिपूर्णताएँ हैं।

आध्यात्मिक विकास: स्फटिक शिवलिंग की उपस्थिति website से आध्यात्मिक ज्ञान और विकास को बढ़ावा मिलता है।

ज्या घरात पारद शिवलिंगाची पूजा केली जाते त्या घरात पारिवारिक तंटे , बाधा , मानसिक टेंशन , इतर कोणतेही त्रास जास्त प्रमाणात त्रासदायक नसतील.

काही जण शिवपिंड ठेवतात आणि १२ तास बाहेर असतात पण घरातल्या पिंडीवर साधे पाणी सुद्धा अर्पण करण्यासाठी त्यांना वेळ मिळत नाही. 

वर्ध्यातील वाघाडी नाल्याला आला पूर, तरीही ट्रक टाकला पाण्यात

पारद शिवलिंग से अकाल मृत्यु का भय समाप्त हो जाता है।

रोज साध्या पाण्याने किंवा सुविधा असेल तर गंगाजल च्या पाण्याने अभिषेक करावा.

जो भी जातक इस शिवलिंग की पूजा करता है उसके घर में सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है। साथ ही उसे मां लक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है।

१२ ज्योतिर्लिंगाचे पूजन केल्याचे जेव्हढे फळ आहे ते एकट्या पारद शिवलिंगच्या पूजेत सामावलेले आहे.

कुबेर कुंजी की स्थापना त्रयोदशी तिथि में करें।

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